ज़िंदगी एक पहेली

जीना है तो चलो कुछ यूँ जीते है
मायूसीओ को पीछे छोड़
मुस्कुहराहटो से आगे बढ़ते है
जीना है तो कुछ यूँ जीते है
परेशानिओ से न घबराकर
उनका समाधान ढूंढ़ते है
क्यूँ हमे कुछ परेशां करे
चलो हम खुद को ही बदलते है
जीना है तो कुछ यु जीते है
समझकर न हर चीज़ को
कुछ नासमझ बनकर चलते है
आसान हानि है जीवन को समझना
तो उसे बिना सोचे समझे ही जीते है
कुछ मकसद बनाकर जीवन का
उसे पूरा करते है
जीना है तो चलो कुछ यूँ जीते है
परिंदो की तरह आसमां में उड़कर
ज़मीं को छूते है
जीवन को इस तरह जीते है
फूलों की तरह समर्पित होकर
उसकी खुशबू को बिखेरते है
किसी का सहारा
किसी की उम्मीद
किसी का दामन
खुशिओ से भरते है
जीना है तो कुछ इस तरह जीते है
शालिनी गुप्ता



No comments:

Post a Comment