तुझको चाहा है, तुझको पूजा है
तेरे बिन न कोई, मेरा दूजा है
हंसती है जब जब यू
लगता है मुझको यू
छुपा रही है, छुपा रही है,
अपने प्यार की खुसबू,खुसबू,खुसबू
तुझको चाह है तुझको पूजा है
तेरे बिन न कोई मेरा दूजा है
आती है जब जब तू
मिलती है तब तब तू,
पास आ कर ,मुस्कुराकर
मिलके मुझे, दूर जाकर
तेरा यू शर्माना
तुझको चाहा है, तुझको पूजा है
तेरे बिन न कोई मेरा दूजा है
____राज गुप्ता
achha laga
ReplyDeletedhnyavad
हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं......
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा सलाम करता चलूं
http://www.samwaadghar.blogspot.com/
स्वागत है आपका.
ReplyDeletesundar abhivyakti.
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और शुभकामनायें
ReplyDeleteकृपया दूसरे ब्लॉगों को भी पढें और उनका उत्साहवर्धन
करें
चिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. लेखन के द्वारा बहुत कुछ सार्थक करें, मेरी शुभकामनाएं.
ReplyDelete---
महिलाओं के प्रति हो रही घरेलू हिंसा के खिलाफ [उल्टा तीर] आइये, इस कुरुती का समाधान निकालें!