अनुभूति

मान हो तुम मेरा
तुम मेरा अभिमान हो
होठों की मुस्कराहट हो मेरी
तुम ही जान, तुम ही जहां हो

जीने की चाहत तुम हो
जीने का अहसास तुम हो
मेरी तो हर सांस तुम हो

प्यार से अपने जीना सिखाया
जीने का अंदाज़ दिखाया
हार कर खुद को तुमने
मुझे जीतने का अहसास कराया

ख़त्म थी ज़िंदगी मेरी बिन तुम्हारे
तुमने इसको शुरू करके
हाथ में मेरे, अपना हाथ थमाया

और क्या मांगू तुमसे
तुम ही मेरा सब कुछ
तुम ही  मेरा पूरा जहां हो

आँखों में नये सपने दिखाए
हर सपने को पूरा कराया
ज़िंदगी को हर पल अधूरा होते हुये
तुमने इसे सम्पूर्ण बनाया

हर पल ज़िंदगी को जीया
मेने तुम्हारे साथ
तुमने हर पल सुनहरा बनाया

तुमने दिया सब कुछ मुझे
मेरा एक वजूद बनाया


शालिनी गुप्ता


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