माँ होने का पहली बार तूने ही अहसास कराया
जब लिया तुझे पहलू में, तो ममता को है तूने जगाया
जब से आयी जीवन में, तूने मेरे घर आँगन को महकाया
माँ का दर्द क्या होता है ये माँ बनने पर ही समझ में आया
माँ गर, जननी है तो बच्चे उसके जीने का अहसास है
माँ की आँखों के तारे और माँ के दो हाथ है
बच्चे माँ से नहीं माँ बच्चों से ही बनती है
उसके जीवन की परिभाषा उन्हीं से निकलती है
माँ ख़ुश है गर तो ये, इस बात की पहचान है
कि उसके बच्चे ही उसकी जां है
बच्चे गर, सफल है तो सफल होती है एक माँ
दुनिया में इसी से उसकी पहचान होती है
माँ में बच्चो की और बच्चो में माँ की जां होती है
हर बच्चा इंसा के दर्द को समझें
गर, उसमे इंसानियत की प्रीत है
यही हर माँ की जीत है
बच्चे गर पूर्ण है माँ के साथ
तो माँ भी बच्चो के बिना कहाँ संपूर्ण है
माँ गर, नियामत है खुदा की
तो बच्चे भी उसी की ही दी सबसे बड़ी देन है
शालिनी गुप्ता
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